जी ले ज़रा !

 


तू ना भाग कहीं,
तू ना हार यहाँ,
तू बस ठहर जरा,
और सुन इनको,
ये सांसें,
ये यादें,
ये आंखें,

हाँ ! ये सांसें ही हैं,
जो कहती हैं तुम जीवित हो,
जब मिलता न कोई हमदर्द यहां,
जब रहता है दिल न जानें कहाँ,
धड़कनें भी रहती हैं खामोश जहाँ,
जब रहता है मन में गुमसुम समा,
जब दिखता न कहीं सच्चा इंसां,
हाँ, सांसें ही तो हैं,
जो कहती हैं तुम जीवित हो !

हाँ ! ये यादें ही हैं,
जो बताती हैं कि तुम मौजूद थे,
होना था जब तुम्हें वहां,
जहां होते थे हर दिल जवां,
न चलता था सुबह-ओ-शाम का पता,
जब होता था वो पल खुशनुमा,
रहता था जहाँ यारों का कारवाँ,
जो थे हमारे हर दर्द की दवा,
हाँ, यादें ही तो हैं,
जो बताती हैं कि तुम मौजूद थे !

हाँ ! ये आंखें ही हैं,
जो करती हैं हर दर्द बयां,
जो बनती हैं हर वक़्त गवाह,
जो देखती हैं हर ख्वाब नया,
जो सुनती हैं हर लफ्ज़ अनकहा,
जो सहती हैं हर इश्क़-ऐ-हया,
जो लेती हैं हर राज छुपा,

हाँ, आंखें ही तो हैं,
जो करती हैं हर दर्द बयां !
तू ना भाग कहीं,
तू ना हार यहाँ,
तू बस ठहर जरा,
और सुन इनको,
ये सांसें,
ये यादें,
ये आंखें,
कहते हैं ये,
आज तू जी ले जरा,
हाँ, तू जी ले जरा !!!


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